उद्धव ने स्वार्थ के लिए कांग्रेस से किया गठबंधन, तभी टूटी शिवसेना- एकनाथ शिंदे

मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा चुनाव के बीच में उद्धव ठाकरे पर शिवसेना में फूट डालने का आरोप लगाया है। एएनआई को दिए एक खास इंटरव्यू में शिवसेना में हुए विभाजन पर बोलते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि मैं महाविकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा था, लेकिन जो सरकार बनी। वह बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों के खिलाफ थी। शिवसेना और बीजपी का गठबंधन ही आगे का सही रास्ता था। हालांकि उद्धव ठाकरे के निजी स्वार्थों के कारण कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ, जो बाला साहेब कभी नहीं चाहते थे। इसके चलते पार्टी अनुशासन का पालन करते हुए और बदलाव लाने के लिए उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन किया।

शिंदे ने क्याें उठाया कदम?
शिंदे ने आगे कहा कि शिवसेना कार्यकर्ता होने के नाते हमने पार्टी अनुशासन का पालन किया और बदलाव की जरूरत को महसूस किया। हमने शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार बनाने का प्रयास किया लेकिन हम असफल रहे और दुर्भाग्य से हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं को जो नुकसान हो रहा था, हमने महाराष्ट्र के लोगों की सुनने का फैसला किया, जो शिवसेना-बीजेपी गठबंधन चाहते थे। हमारे विधायक भी थके हुए थे क्योंकि उनके क्षेत्रों में कोई काम नहीं हो रहा था। इसलिए हमने सरकार बदली और बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन के साथ एक नई सरकार बनाई।

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महायुति सरकार की तारीफ
महायुति सरकार की सराहना करते हुए सीएम शिंदे ने गर्व किया कि इस सरकार ने निजी लाभ से ऊपर लोगों के हितों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने उन परियोजनाओं को फिर से शुरू किया जिन्हें MVA सरकार ने रोक दिया था। महायुति की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि उनके शासन के दौरान महाराष्ट्र जीडीपी, एफडीआई, जीएसटी या स्वच्छता, हर क्षेत्र में शीर्ष पर रहा। उन्होंने कहा कि राज्य ने उनके शासनकाल में ही 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया।

दो साल के काम का बखान
सीएम शिंदे ने कहा कि मुझे गर्व और खुशी है कि हमने निजी लाभ से ऊपर लोगों के हितों को प्राथमिकता दी। पिछले दो सालों में हमारी सरकार को उसके काम के लिए सराहना मिली है। पहले दिन से ही हमने किसानों, श्रमिकों, युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया, और विकास परियोजनाएं। हमने मेट्रो, बुलेट ट्रेन और राजमार्गों जैसी रुकी हुई परियोजनाओं को फिर से शुरू किया। इससे महाराष्ट्र निवेश के अनुकूल बना। आज मैं गर्व से कहता हूं कि हमने 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। MVA शासन के दौरान महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर था, लेकिन जब हम आए, तो महाराष्ट्र जीडीपी, एफडीआई, जीएसटी और स्वच्छता में शीर्ष पर रहा। हमारी कल्याणकारी योजनाएं, जैसे लाडली बहना योजना आदि लड़कियों को वजीफा और मुफ्त उच्च शिक्षा प्रदान करती हैं। हमने दो सालों में बहुत कुछ हासिल किया है और मैं आभारी हूं।

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केंद्र की कठपुतली वाले आरोप पर क्या बोले?
यह पूछे जाने पर कि विपक्ष उनकी सरकार को केंद्र सरकार की कठपुतली बता रहा है। इस पर सीएम शिंदे ने कहा कि जब से महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार आई है, राज्य को केंद्र से कई लाभ मिले हैं। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार की 'कड़ी मेहनत' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सराहा है। शिंदे ने कहा, मुझे खुशी है कि पिछले दो सालों में हमारी सरकार की कड़ी मेहनत को पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सराहा है।

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एमवीए सरकार पर हमला
पिछली MVA सरकार पर परोक्ष हमला करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि सीएम होने का मतलब लोगों की सेवा करना है, न कि केवल फेसबुक लाइव के जरिए सरकार चलाना। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार सुनती है और काम करती है, बहरी या गूंगी नहीं है। हमारी सरकार किसानों को प्राथमिकता देती है, सहायता और समर्थन प्रदान करती है। हमने किसानों के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। यह किसानों की सरकार है।

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